Intezaar Shayari 2 Lines

Rate this post

लोग इंतज़ार करते – करते अपना पूरा टाइम लगा देते है इंतजार करने के लिए, आज इसी चीज को बयान करने के लिए हमने आपके लिए Intezaar Shayari 2 Lines लाये है

Intezaar Shayari 2 Lines

Intezaar Shayari 2 Lines

जिंदगी जी रहा हु तेरे इन्तजार में शायद तुझे कभी एहसास
हो मेरे प्यार कि और तू लौट आये मेरे दुनिया में

रोज मुझे रुलाते है ये इंतज़ार तेरा.
सारी उम्र कट गयी पर कम ना हुआ प्यार ये मेरा.

जिन्दगीं हसीं हैं, इससे प्यार करों,
हर रात की नई सुबह का इंतज़ार करों !..

ये आँखे दिनभर कुछ तलाशती रहती हैं,
कोई तो है… जिस का इन्हे इंतजार है।

इंतज़ार है मुझे ज़िन्दगी के आखरी पन्नों का
सुना है आखिर में सब कुछ अच्छा हो जाता है।

आँखों को इंतज़ार का दे कर हुनर चला गया,
चाहा था इक शख़्स को जाने किधर चला गया।..

Raat bhar intezaar shayari

रात देर तक तेरी दहलीज़ पर बैठी रहीं आँखें, खुद न
आना था तो कोई ख्वाब ही भेज दिया होता।

ये जो पत्थर है आदमी था कभी,
इस को कहते हैं इंतज़ार मियां।..

जुल्फों पे बिखरी हैं शमा का नशा,
इस इंतजार में भी है एक दिलकश अदा !..

तेरे इंतज़ार में कब से उदास बैठे है तेरे दीदार में आँखें बिछाये बैठे है
तो एक नज़र हम को देख ले इस आस में कब से बेकरार बिअठे है

ये इंतज़ार सहर का था या तुम्हारा था,
दिया जलाया भी मैंने दिया बुझाया भी !.

अब कैसे कहूँ कि तुझसे प्यार है कितना,
तू क्या जाने तेरा इंतज़ार है कितना।..

यादों का ये कारवां हमेशा रहेगा दूर जाते हुए भी पियार वही रहगे माफ़ करना मिल
नहीं सके आपसे यकीन रखना अंखियों में इंतज़ार वही रहेगा

एक आरज़ू है पूरी अगर परवरदिगार करे,
मैं देर से जाऊं और वो मेरा इंतज़ार करे।..

हालात कह रहे हैं मुलाकात नहीं मुमकिन,
उम्मीद कह रही है थोड़ा इंतज़ार कर।..

हालात कह रहें अब वो याद नही करेगा
और उम्मीद कह रही है बस थोडा और इन्तजार

Intezaar shayari for friend

आपकी जुदाई भी हमें प्यार करती है,
आपकी यादें भी हमे बेकरार करती है,

भले ही राह चलतों का दामन थाम ले,मगर मेरे प्यार को भी तू पहचान ले,कितना
इंतज़ार किया है तेरे इश्क़ में,ज़रा यह दिल की बेताबी तू भी जान ले।

कोई क्यों मेरा इंतज़ार करेगा, अपनी जिंदगी मेरे लिए बेकार करेगा, हम कौन से,
किसी के लिए ख़ास हैं, क्या सोचकर कोई हमें याद करेगा।

आते जाते यूँ ही हो जाए मुलाकात आपसे,
तलाश आपको ये नजर बार बार करती है।

हर आहट पर साँसें लेने लगता है,
इंतज़ार भी भला कभी मरता है।

पियार बहुत है तुमसे मगर इज़हार नहीं करते मेरी ख़ामोशी से यह न समझना
की तुमसे पियार नहीं करते मेरी आँखें तो हर लम्हा तुम्हारी राह देखती है

किश्तों में ये ज़िन्दगी खुद ख़ुशी कर रही है
इंतज़ार तेरा मुझे मरने भी नहीं देता।…

आँखें भी मेरी पलकों से सवाल करती हैं,
हर वक़्त आपको ही बस याद करती हैं,

मैं आज भी तेरा इन्तजार कर रहा हूँ,
बस एक बार लौट आओ मेरे पास !!..

किसी का इंतज़ार मत करना.
किसी के प्यार में खुद को तिरस्कार मत करना.

बस यूँ ही उम्मीद दिलाते हैं ज़माने वाले,
लौट के कब आते हैं छोड़ कर जाने वाले।..

उसकी दर्द भरी आँखों ने जिस जगह कहा था अलविदा,
आज भी वहीं खड़ा है दिल उसके आने के इंतज़ार में।..

तुझे पाने की चाह में हर रोज तड़पते है.
तेरे आने का इंतजार हम रोज करते है.

झुकी हुई पलकों से उनका दीदार किया, सब कुछ भुला के उनका इंतजार किया
वो जान ही न पाए जज्बात मेरे, मैंने सबसे ज्यादा जिन्हें प्यार किया।..

कुछ रोज़ यह भी रंग रहा तेरे इंतज़ार का,
आँख उठ गई जिधर बस उधर देखते रहे।

तेरे प्यार की मुझे खोज है.
तेरे लिए हम मदहोश है.

हमे तो सिर्फ तेरा इंतज़ार है.
खुद से भी ज्यादा तुझसे प्यार है.

ये कैसा प्यार है तेरे मेरे बिच प्यार भी हम करे और
इन्तजार भीइजहार भी हम करे और रोये भी हम

जिंदगी जी रहा हु तेरे इन्तजार में शायद तुझे कभी
एहसास हो मेरे प्यार कि और तू लौट आये मेरे दुनिया में

इन आँखों में सिर्फ तेरा इंतज़ार होता है.
ये दिल तुझसे मिलने के लिए बेक़रार होता है.

ग़जब किया तेरे वादे पर एतबार किया ,
तमाम रात किया क़यामत का इंतज़ार किया।

मेरी बराबरी ना कर दोस्त,
मेरे स्टेटस का इन्तजार तो तेरी वाली भी करती है !.

ना जाने किस राह से आ जाए वो आने वाले
हमने हर जगह से दिवार गिरा रखी है।

है तुम्हारा इंतज़ार दिल है कब से बेकरार,
है मिलने की आरज़ू तुमसे कर रहे है तुम्हारा इंतज़ार !..

ये कैसा प्यार है तेरे मेरे बिच प्यार भी हम करे और
इन्तजार भी इजहार भी हम करे और रोये भी हम

आप का इंतज़ार बहुत है.तेरी चाहत के लिए बेक़रार बहुत है. याद करके
तेरे हर अफसाने को ये दिल.मिलने के लिए आज भी बेक़रार बहुत है.

कुछ रोज़ यह भी रंग रहा तेरे इंतज़ार का,
आँख उठ गई जिधर बस उधर देखते रहे !.

मेरी बराबरी ना कर दोस्त,मेरे स्टेटस का
इन्तजार तो तेरी वालीभी करती है!

उस जगह मत जाएं जहा लोग आपको बर्दास्त करते हो
उस जगह जाए जहा लोग आपका इंतज़ार करते हो।

किसी रोज़ होगी रोशिनी मेरी ज़िन्दगी में भी
इंतज़ार सुबह का नहीं तेरे आने का है।

नजर चाहती है दीदार करना दिल चाहता है पियार करना
क्या बताएं इस दिल का आलम नसीब में लिखा है इंतज़ार करना

माथे को चूम लूँ मैं और उनकी जुल्फ़े बिखर जाये,
इन लम्हों के इंतजार में कहीं जिंदगी न गुज़र जाये।

तेरे इंतज़ार में लिखी मैंने एक कविता है.
तुझे सुनाने के लिए ये दिल बेक़रार पड़ा हुआ है.

कासिद पयामे-शौक को देना बहुत न तूल,
कहना फ़क़त ये उनसे कि आँखें तरस गयीं।

जब तक ना कर लें दीदार आपका,
तब तक वो आपका इंतज़ार करती हैं।

फिर किस्मत में लिख दिया इंतज़ार
फिर वही रात का आलम और मैं तन्हा।

दुआ कभी खाली नही जाती
बस लोग इन्तजार नही करते

जीने की ख्वाहिश में हर रोज मरते हैं,
वो आये न आये हम इंतजार करते हैं !..

हम सिर्फ उनके प्यार का इंतज़ार करते है.
उन्हें कहा मालूम है हम उनसे कितना प्यार करते है.

इंतजार करू तेरा और इंतजार नहीं होता. तुझसे
इतना प्यार करू अब ये काम नहीं होता.

उठ-उठ के किसी का इंतज़ार करके देखना,
कभी तुम भी किसी से प्यार करके देखना।..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *