उतरने नहीं देती आसमान से कोई परेशानी,
मेरी माँ की दुआओं ने उसे रोक रक्खा है
चारों तरफ हो खुशियाँ ही खुशियाँ
मीठी पुरनपोली और गुजियाँ ही गुजियाँ
द्वारे सजती सुंदर रंगोली की सौगात !!
आसमान में हर तरफ पतंगों की बारात
सभी को शुभ को नव वर्ष हर बार !!
कभी देखता हूँ आसमान की तरफ जब उम्मीद से
मेरे अंदर से आवाज आती है आसमान से नही
पाएगा सिर्फ अपने हौंसलों से
आसमान की तरफ़ मत देखों
आसमान से आने वाला कोई नहीं हैं,
तुम्हें ख़ुद ही उठना हैं
तुमको जगाने वाला कोई नहीं हैं.
हर पतंग जानती है,
अंत में कचरे मे जाना लेकिन उसके पहले हमे,
आसमान छूकर दिखाना है।"बस जिंदगी भी यही चाहती है"
शायर कहकर बदनाम ना करना mujhe दोस्तो,
मै तो रोज saam को दिनभर का हिसाब लिखता हूं.