बोझ कितना भी हो मगर कभी उफ़ नहीं करता
कन्धा बाप का बहूत मज़बूत होता है
पिता का रुतबा सब से ऊंचा.,
रब के रूप समान है.,
पिता की उंगली थाम के चल तोह.,
रास्ता भी आसान है.,
पिता का साया सर पे हो तोह.,
क़दमों में आकाश है.,
पिता है पूँजी, खो जाए तोह.,
फिर क्या तेरे पास हैं..!!
मेरे होठों की हँसी मेरे पापा की बदोलत है,
मेरी आँखों में खुशी मेरे पापा की बदोलत है ,
पापा किसी खुदा से कम नही
क्योकि मेरी ज़िन्दगी की सारी खुशी पापा की बदोलत है.
पिता हारकर बाज़ी हमेशा मुस्कुराया,
शतरंज की उस जीत को मैं अब समझ पाया.
खुशियों से भरा हर पल होता है
जिंदगी में सुहाना हर पल होता है
मिलती हैं कामयाबी उनको
जिनके सर पर पिता का हाथ हर पल होता है