200+ Best वक्त पर मोटिवेशनल शायरी | Waqt Shayari in Hindi

दोस्तों वक़त किसी के लिए नहीं रुकता, वक़त किसी का ख़राब होता है या किसी का अच्छा चल रहा होता है आज हम इसी पर वक़्त शायरी | Waqt Shayari in Hindi पोस्ट लाये है.

इस शायरी के जरिए हम अपने भावों को उकेरते हैं और अपने मन को शांत करते हैं। इस लेख में हम आपको वक़्त शायरी के वक्त पर मोटिवेशनल शायरी लेकर आये है।

Waqt Shayari in Hindi

तब सर में किसी का हाथ नहीं होता
जब वक्त हमारे साथ नहीं होता

Waqt Shayari in Hindi

कुछ वक़्त ख़ामोश होकर देखा
लोग सच में भूल जाते हैं

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Waqt Shayari in Hindi

माँगना ही छोड़ दिया हमने वक्त किसी से,
क्या पता उनके पास इनकार करने का भी वक्त ना हो..!!

Waqt shayari 2 lines

Waqt Shayari in Hindi

गधा भी शान से झूमता है
समय का पहिया जब
उसके पक्ष में घूमता है

मुश्किल वक़्त शायरी

Waqt Shayari in Hindi

जिन्दगी जख्मो से भरी है वक्त को मरहम
बनाना सीख लो,हारना तो है एक दिन मौत
से फिलहाल जिन्दगी जीना सीख लो।।

धोखा ना देना कि तुझपे ऐतबार बहुत है
ये दिल तेरी चाहत का तलबगार बहुत है
तेरी सूरत ना दिखे तो दिखाई कुछ नहीं देता
हम क्या करें कि तुझसे हमें प्यार बहुत है..!!

Waqt shayari in hindi 2 line

Waqt Shayari in Hindi

वक्त की कैद में सिमटे जिंदगी के पन्नें,
कुछ रंगहीन और कुछ रंगीन..!!

सीख जाओ वक्त पर किसी की चाहत की कदर करना,
कहीं कोई थक ना जाये तुम्हें एहसास दिलाते दिलाते…!”

Waqt Shayari in Hindi

हाथ छूटे तो भी रिश्ते नही
टूटा करते समय के शाख
से लम्हे नही टूटा करते !

“कल मिला वक़्त तो ज़ुल्फ़ें तेरी सुलझा लूंगा,
आज उलझा हूँ ज़रा वक़्त के सुलझाने में…!”

गुजरा हुआ वक्त शायरी

Waqt Shayari in Hindi

बड़े से बड़ा सूरमा भी हार जाता है
वक्त जिसके खिलाफ हो जाता है

Waqt Shayari in Hindi

अपने लक्ष्यों को बुद्धिमानी से चुनें ताकि आप
उन पर जो वक़्त बिताएं वह एक निवेश बन
जाए, न कि एक खर्च।

“हर वक़्त दिल को जो सताए ऐसी कमी है तू,
मैं भी ना जानू की इतनी क्यूँ लाज़मी है तू…!”

बड़े से बड़ा सूरमा भी हार जाता है,
वक्त जिसके खिलाफ हो जाता है.

Waqt Shayari in Hindi

वक़्त का किसी से कोई बैर नहीं
लोग ही खुद वक़्त से बातें बिगाड़
कर बुरे वक़्त को न्योता देते हैं।

Waqt Shayari in Hindi

वक़्त बदला और बदली
कहानी संग मेरे रासीपुरम
कि याद पुराने न लगाओ मेरे
ज़ख्मो पर मरहम मेरे पास
उनकी बस यही निशानी !

वक़्त शायरी 2 लाइन

Waqt Shayari in Hindi

वक्त की धुंध में छुप जाते हैं ताल्लुक,
बहुत दिनों तक किसी की आँख से ओझल ना रहिये.

Bura waqt shayari

Waqt Shayari in Hindi

एहसान तुम्हारे एकमुश्त, किश्तों में चुकाए हैं हमनें,
कुछ वक्त लगा पर अश्कों के, कुछ सूद चुकाए हैं हमनें..!!

Waqt shayari ghalib

Waqt Shayari in Hindi

सुना है कुछ लोगो का वक़्त बुरा सा चल रहा है,
और वो हैं कि नफरत हम ही से कर रहे हैं।

Waqt Shayari in Hindi

केवल इंसान ही गलत नहीं होते,
कभी कभी वक़्त भी गलत हो सकता है.

Waqt or halat shayari

Waqt Shayari in Hindi

हम पर उन गलतियों के इल्जाम लगे
जिन गलतियों मेरा कोई हाथ ना था
अपनी बेगुनाही साबित भी कैसे करते
जब वक्त ही मेरे साथ ना था

जिन किताबों पे सलीक़े से जमी वक़्त की गर्द,
उन किताबों ही में यादों के ख़ज़ाने निकले…!”

Mushkil waqt shayari

कुछ इस कदर खोये हैं तेरे ख्यालो में,
कोई वक़्त भी पुछता है तो तेरा नाम बता देते हैं.

वक़्त कहता है के फिर न आऊंगा, तेरी आँखों को
अब न रुलाऊंगा, अगर जीना है तो इस पल को
जीले, शायद मैं कल तक न रुक.

वक़्त शायरी रेख़्ता

Waqt Shayari in Hindi

समय बदला और बदली कहानी हैं
संग मेरे हसीं पलों की यादें पुरानी हैं !

वक़्त का किसी से कोई बैर नहीं
लोग ही खुद वक़्त से बातें बिगाड़
कर बुरे वक़्त को न्योता देते हैं।

Guzra waqt shayari in hindi

Waqt Shayari in Hindi

हमारी ही करनी, हमें ही दिखाता है
जब समय का चक्र घूम कर आता है

“कैसे कहूँ कि इस दिल के लिए कितने खास हो तुम,
फासले तो कदमों के हैं पर, हर वक्त दिल के पास हो तुम।।…!”

“दिल चाहता है हर वक़्त तेरे सदके उतारता रहूँ,
भला इस कदर भी हसीन होता है महबूब किसी का…!”

खराब समय पर शायरी

जख्म कुरेदता है फिर मरहम लगाता है,
वक्त बेरहम है पर हकीम सबसे अच्छा है.

Rishte waqt shayari

ना तूफ़ान ने दस्तक दी, और ना पत्थर ने चोट दी,
वक्त तकदीर से मिला और मुझे सजा-ए-मोहब्बत दी.

वक्त बदलेगा शायरी

ना करो हिमाकत किसी के वक़्त पर हसने की
ये वक़्त है जनाब चेहरे याद रखता है

waqt kharab shayari

वक़्त पड़ जाए तो जाँ से भी गुज़र जाएँगे,
हम दिवाने हैं मोहब्बत के अदाकार नहीं.

कितना भी समेट लो हाथों से फिसलता ज़रूर है,
ये वक्त है दोस्तों बदलता ज़रूर है.

जाने क्यों लोग बैठे-बैठे सफलता की
आस करते हैं, इतने काम करने को होते हैं
फिर भी ना जाने क्यों Timepass करते हैं।

Bura waqt shayari in english

जब वक्त बुरा आता हैं तो अक्सर लोगो
का आपसे बात करने का ढंग अपने
आप बदल जाता है।

ऐ बुरे वक्त, जरा अदब से पेश आ,
वक्त नही लगता वक्त बदलने में.

हारी बाजी भी जीत जाता है
समय जिसके साथ होता है

वक्त शायरी इन हिंदी

हमारी ज़िन्दगी की जो किताब है,
वक्त के पास मेरे हर कर्मो का हिसाब है

Waqt Shayari in Hindi

वक्त से लड़कर जो अपना नसीब बदल दे,
इंसान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे,
कल क्या होगाकभी ना सोचो,
क्या पता कल वक़्त ख़ुद अपनी तस्वीर बदल दे..!!

Waqt waqt ki baat hai shayari

वक्त की यारी तो हर कोई कर लेता है,
मजा तो तब है जब वक़्त बदले और यार न बदले..!!

वक़्त क्या मुझ पर बंदिश लगाएगा मैं
तो तब तक मेहनत करूंगा जब तक
कामियाब ना हो जाऊं।

समय का खेल शायरी

सब की खुशी से हंसना एक कदम है
हर घर में बस एक ही कमरा कम है
नए प्रयास का फल जरूर मिलेगा
तब जब समय तुम्हारे साथ होगा !

जिन्दगी जख्मो से भरी है वक्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है एक दिन मौत से फिलहाल जिन्दगी जीना सीख लो..!!

Waqt ki shayari

ये मोहब्बत का फ़साना भी बदल जायेगा,
वक़्त के साथ जमाना भी बदल जायेगा..!!

न जाने क्यों वक़्त इस तरह गुजर जाता है,
जो वक़्त बुरा है वो पलट के सामने आता है,
और जिस वक़्त को हम दिल से पाना चाहते हैं,
वो तो बस एक लम्हा बनकर बीत जाता है..!!

“वक्त चाहत नही होती तो तेरे करजज़ार होते,
एक पल के लिए भी हम तलाबदार न होते…!”

Waqt par shayari

कभी एक लम्हा ऐसा भी आता हैं,
जिसमे बीता हुआ कल नज़र आता हैं,
बस यादें रह जाती है याद करने के लिए,
और वक्त सब कुछ लेके गुज़र जाता हैं..!!

वक्त शायरी इन हिंदी

एक तूफ़ान आया और सब कुछ उड़ा कर चला गया,
गुजरा हुआ वक्त बहुत कुछ सिखा कर चला गया,
कभी सोचा न था दुनिया में ऐसे लोग भी होते हैं,
जिन्हें चुप कराया वही हमे रुला कर चला गया..!!

“वक़्त रहते इश्क़ की कदर करें,
ताज़महल दुनिया ने देखा है मुमताज़ ने नहीं…!”

Waqt ke sath badalna shayari in hindi

हमारी ही करनी हमको ही
दिखता है जब समय का
चक्र घूम कर आता है !

मेरे और तुम्हारे दरमियां हुनर
का अंतर है क्योंकि हमको
सिखाया है वक्त ने और आप
को सिखाया है किताब ने !

“आप के दुश्मन रहें वक़्त-ए-ख़लिश सर्फ़-ए-तपिश,
आप क्यों ग़म-ख़्वारी-ए-बीमार-ए-हिजराँ कीजिये…!”

Waqt ke upar shayari

वक्त की रफ़्तार रुक गयी होती,
शरम से आँखें झुक गयी होती,
अगर दर्द जानती शम्मा परवाने का,
तो जलने से पहले ही वो बुझ गयी होती..!!

अगर खुद के लिए ही वक्त नहीं
निकाल पाओगे तो क्या खाक खुद
को बेहतर बना पाओगे।

वक़्त का खास होना ज़रुरी नहीं,
खास लोगों के लिये वक़्त होना ज़रुरी हैं.

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