109+ Best Humsafar Shayari in Hindi

Humsafar Shayari in Hindi:- हमसफ़र शायरी उन शायरी की एक श्रृंखला है जो जीवन के साथी को संदेश देती है। ये शायरी मुख्य रूप से प्रेमी, पति-पत्नी, या जीवन साथी के बीच बंधन को मजबूत बनाने के लिए होती है। इस पोस्ट में, हम हिंदी में हमसफ़र शायरी लेकर आये है।

Humsafar Shayari in Hindi

अब इस के बाद घने जंगलो की मंजिल है
ये वक़्त है के पलट जाएँ हमसफ़र मेरे

साथ तुम हो तो खूबसूरत है ये सफ़र
वक़्त के साथ तुम बदल न जाना दिल
मे ख़्याल है बनाने का तुम्हे हमसफ़र

Humsafar shayari in hindi image

ज़िन्दगी से मेरी आदत नहीं मिलती
मुझे जीने की सूरत नहीं मिलती
कोई मेरा भी कभी हमसफ़र होता
मुझे ही क्यूँ मुहब्बत नहीं मिलती

बिन कहे ही तूने मुझे सब कुछ दे दिया है
आंखों से आंसू और दिल से सारा दर्द ले लिया है

अकेला छोड़ने वालों को ये बताए कोई कि हम तो
राह को भी हमसफ़र समझते हैं -सऊद उस्मानी

Humsafar Shayari 2 Line

फिरते हैं कब से दरबदर अब इस नगर अब उस नगर
एक दूसरे के हमसफ़र मैं और मेरी आवारगी

‏मेरे बाद किसी और को हमसफर बनाकर देख लेना
तेरी ही धड़कन कहेगी कि उसकी वफा में
कुछ और ही बात थी

नया प्यार हर दिन होना चाहिए
लेकिन एक हीं शख्स के साथ

हमसफर गजल शायरी

रौनक आ गई है मेरे जीवन में
यहां वहां तुम सा हमसफ़र होगा कहाँ

बातें तो हर कोई समझ लेता है हमसफर
ऐसा हो जो खामोशी भी समझे

संग उसके मैं कागज़ की कश्ती सा था
जिसे दरिया के सैलाब का अंदाज़ा ना हुआ

‏खुबसूरत बात ये, चार पल का साथ ये
सारी उम्र मुझको को रहेगा याद
मैं अकेला था मगर, बन गयी वो हमसफ़र, वो मेरे साथ हो गयी..

Love humsafar shayari in hindi

जो उड़ाते थे मेरे सफर का मजाक
रफ्ता रफ्ता मेरे हमसफर हो गए

जरूरते भी जरुरी है जीने के लिये लेकिन
तुझसे जरूरी तो जिंदगी भी नहीं

हमसफ़र मेरे हमसफ़र पंख तुम परवाज़
हम ज़िंदगी का साज़ हो तुम साज़ की आवाज़ हम

ना तो कारवाँ की तलाश है ना तो हमसफ़र की तलाश है
मेरे शौक़-ए-खाना खराब को तेरी रहगुज़र की तलाश है साहिर

Mere humsafar shayari in hindi

हमसफ़र साथ-साथ चलते हैं
रास्ते तो बेवफ़ा बदलते हैं
आपका चेहरा है जब से मेरे दिल में
जाने क्यों लोग मेरे दिल से जलते हैं

सुनो बरसों बाद ग़र मिलो तो भी
मुझे तुम तुम ही कहना
आप कहने वाले बहुत हैं

आप जैसा हँसी हमसफर हो अगर
जा रहे हैं कहाँ सोचता कौन है

बहुत खूबसूरत है
तुम्हारे इन्तजार का आलम
बेकरार सी आँखों में इश्क
बेहिसाब लिए बैठे हैं

जबसे मुझपे तुम्हारा असर है
बाकी मुझपे सब बेअसर है

इतनी अकेली क्यों है ये ज़िंदगी कोई हमसफ़र क्यों नहीं साथ मेरे
तुम भी दो क़दम साथ चल छोड़ गए
बीच मँझधार अब कटेगी ये ज़िंदगी किसकेसहारे

मुझे तुम्हारी याद आ रही है
आज फिर ये मुझे सता रही है

अब वक्त भी कह रहा है मुझे अपनी हमसफर से मिलवाओ
तुम किसी का प्यार पाओ, और किसी पर प्यार लुटाओ

हमारी तो सिर्फ एक ही ख्वाहिश है
हर जन्म मेरे हमसफर तुम ही बनो

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