Home Quotes in Hindi | घर पर शायरी

दोस्तों असली मायने में होम वह कहलाता है जिसमे सभी परिवार के सदस्य रहते है आज हम इसी को एक्सपेल करने के लिए Home Quotes in Hindi | घर पर शायरी लाये है

Home Quotes in Hindi

Home Quotes in Hindi

घर नए तो सपने नए
नए घर जैसे सारे नए
सपने भी सच हो तुम्हारे
यही आशीर्वाद रहा
बधाई हो नए घर की

दुनियाँ भर की यादें हम से मिलने आती है
शाम ढले इस सूने घर में मेला सा लगता है

भूले से भी ना तोड़ना किसी का घर कभी,
क्योंकि इस पाप की सजा जरुर मिलती है.

काश मेरा घर तेरे घर के बराबर होता,
तू ना आती तेरी आवाज़ तो आती.

घर पर शायरी

घर अपना बना लेते हैं, जो दिल में हमारे,
हम से वो परिंदे, उड़ाये नहीं जाते.

बाज़ार जा के ख़ुद का कभी दाम पूछना
तुम जैसे हर दुकान में सामान हैं बहुत
आवाज़ बर्तनों की घर में दबी रहे
बाहर जो सुनने वाले हैं शैतान हैं बहुत

परिवार के बाकि लोग तो अपने दिल की बात बता क्र एहसाहसश दिले ते है
मगर माँ बिना कुछ एके ही अपने इमोशंस दिखा कर घर बुलाती है,

सफ़र का पता नहीं चलता साहब,
बस वो रास्ता घर का होना चाहिए.

मकान Quotes

पूरे परिवार के साथ नए घर में करें प्रवेश,
कभी खत्म न हो इतना आशिर्वाद दें
रिद्धि-सिद्धि संग गणेश,
दूर रहे घर से हर बुरी चीज,
और न हो घर में कभी क्लेश,
ऐसा हो आपका गृह प्रवेश

छोटी उम्र में भी अपने पैरो पर खड़े हो जाते है,
जिम्मेदारियाँ हो सर पर तो बच्चे बड़े हो जाते है.

ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर
बस अपनी ही धुन बस अपने सपनो का घर
काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन का पहर

बारिश का इंतज़ार कितनी सिद्दत से करता है किसान,
मालूम है उसे जबकि उसका घर मिट्टी का है.

आपके सपनो का नया आशियाना मुबारक हो,
आपके सारे सपने साकार हो और
आपके घर में सुख-शांति सदैव बनी रहे

Home Quotes in Hindi

दीवार क्या गिरी मेरे कच्चे मकान की
फ़राज़, लोगों ने मेरे 🏠 घर से रास्ते बना लिए।

नया घर जैसे एक नया जहां, जो ख़ुशी अपने
घर में रहने में है, भला वो ख़ुशी और कहाँ?
आपको नए घर की बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं

कल तक जो साथ थे आज अलग क्यूँ बैठे हैं
घर के सामने इतनें सामान बिख़राए क्यूँ बैठे हैं
फिर से ये दोनों भाई पंच बुलाए यहाँ क्यूँ बैठे हैं
दोनों भाई बंटवारे का मुद्दा लिए यहाँ क्यूँ बैठे हैं

चले हैं घर से तो धूप से भी जूझना होगा,
सफ़र मे हर जगह घने बरगद नही मिलते

काश मेरा घर तेरे 🏠 घर के सामने
होता, मोहब्बत न सही दीदार तो होता।

चंद रूपयों के खातिर घर को छोड़ देना पड़ता है,
दिल नहीं लगता शहर में मगर दिल को तोड़ देना पड़ता है.

रूठे हुए अपनों को मना लूँगा एक दिन
दिल का घर फिर से बसा लूँगा एक दिन
लगने लगे जहां से हर मंजर मेरा मुझे
ख्वाबों का वो जहान बना लूँगा एक दिन
अभी तो शुरूआत हुई है इस सफ़र की
बेरंग जिंदगी में रंग सजा लूँगा एक दिन

नया घर जैसे एक नया सपना, नए सपने सजाते
रहे और उन्हें साकार करते रहो,
आपको आपके नए घर के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं

चले हैं घर से तो धूप से भी जूझना होगा,
सफ़र मे हर जगह घने बरगद नही मिलते.

मेरे घर के तमाम दरवाज़े,
तुम से करते हैं प्यार आ जाओ.

मेरे घर के तमाम दरवाज़े,
तुम से करते हैं प्यार आ जाओ.

इस घर में रहेंगी आपके कई पीढ़ी,
छोटे-छोटे बच्चों की गूंजेगी किलकारी,
हो जाएगी हर मनोकामना पूरी तुम्हारी

माँ-बाप के गुजरने के बाद ये बात समझ पाया मैं
कि बुजुर्गों की कमी घर को वीरान बना देती है.

मैंने तो वादा नहीं किया था! जल्दी घर वापस आने की मगर माँ की आँखों ने
मुझे घर आने के एक अजीव सा बांध में बढ़ा है! जिसके करा याद कभी नहीं जाता है,

छोटी उम्र में भी अपने पैरो पर खड़े हो जाते है,
जिम्मेदारियाँ हो सर पर तो बच्चे बड़े हो जाते है.

दुल्हन अगर नयी हो तो यद् घर की और ज्यादा आती है मगर जब बच्चे हो जाते है!
तो घर से बाहर जाने का ही मन नही करता बच्चो की मोह माया हर वक़्त सताती है,

मैं जब सादी सुधा नही था तब जादा यारो से दूर था
जब से हुआ विवाह है यादो ने बनाया मुझे अपना यार है,

दूसरों के घरों में आग लगाने वालों से कह दो,
कभी कोई चिंगारी उनका हीं घर न जला दे.

मकान बहुत आसानी से बन जाते हैं जनाब,
घर बनाना बड़ा मुश्किल है.

वो आए घर में हमारे खुदा की कुदरत हैं,
कभी हम उनको कभी अपने घर को देखते हैं.

उलझी शाम को पाने की ज़िद न करो
जो ना हो अपना उसे अपनाने की ज़िद न करो
इस समंदर में तूफ़ान बहुत आते है
इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद न करो

मैंने वादा क्या किया अपने नयी दुल्हन का हर वक़्त साथ निभाने की
अब तो बाहर भी नहीं रह पाता उसके बिना मन करता है घर जाने की,

हार्दिक शुभकामनाएं आपके नए घर के लिए,
ढेर सारी खुशियां आये आपके नए घर में

नए घर की ढेरो शुभकामनाएं,
आपको आपके नए घर में ढेरों सुख और समृद्धि प्राप्त हो,
यही मेरी ईश्वर से कामना है

बड़े अनमोल है ये खून के रिश्तें
इनको तू बेकार ना कर
मेरा हिस्सा भी तू ले ले मेरे भाई
घर के आँगन में दीवार ना कर

नहीं मैं अपने घर को नीलाम नहीं कर सकता
इसमें उम्र भर की कई खट्टी-मीठी यादों का बसेरा जो है.

तन्हाई को घर से रुख़सत कर तो दो,
सोचो किस के घर जायेगी तन्हाई.

घर आते समय माँ का दिअ हुआ वो लड्डू का डब्बा आज भी माँ के
उन लड्डुओं की याद दिलाती घर जाने के बहाने बन कर हर रोज सामने आती है,

नज़र की चोट जिगर में रहे तो अच्छा है, ये बात
घर की है, 🏠 घर में रहे तो अच्छा है. दाग देहलवी ।

ये सर्द रात ये तन्हाईयाँ ये नींद का बोझ,
हम अपने शहर में होते तो घर गए होते.

एक अच्छा मकान बनाना सब का सपना होता है,
मुबारक हो आपका यह सपना पूरा हुआ

घर से दूर है मस्जिद क्या चला जाएँ
किसी रोते हुए बच्चे को हँसा दिया जाएँ

बीबी की की बाते और घर की याद चाईं से कुछ करने नहीं देती है! घर के
अँगनम में बैठी वो दुल्हन के चेहरे याद दिलाती है! जो हर पल मुस्कुराती है,

इस नए घर में जो तुम चाहो वो तुम्हारा हो
हर दिन खूबसूरत और रातें आपकी हों
कामयाबी चूमते रहे आपके कदम हमेशा
यार नया घर मुबारक हो मेरे यार
Congratulations

घर की तामीर तसव्वुर ही में हो सकती है,
अपने नक़्शे के मुताबिक़ ये ज़मीं कुछ कम है. – शहरयार

खुशियों से भर जाए नया घर आपका
ऐसा गृह प्रवेश हो लक्ष्मी जी का
हैप्पी न्यू होम

घर से निकलो तो पता चलता है
जख्म उसका भी नया लगता है
रास आ जाती है तन्हाई भी
एक-दो रोज बुरा लगता है
कितने जालिम है दुनिया वाले
घर से निकलो तो पता चलता है

नया घर नया डेरा, कल जो नहीं था आज हो गया है तेरा,
अपने नए घर में स्वागत नहीं करोगे हमारा

ये सर्द रात ये तन्हाईयाँ ये नींद का बोझ,
हम अपने शहर में होते तो घर गए होते

शादी के बाद तो घर की यादो कई गुना बढ़ई पहले तो माँ ही थी आप तो मेरे
होने वाले बच्चों की माँ भी घर की याद दिलाती हगाई जल्दी आना कह के बुलाती है,

जो चलना भी नही जानते थें,
आज घर की जिम्मेदारियों ने दौड़ना सिखा दिया.

अगर तेरे बिना जीना आसान होता तो
कसम मुहब्बत की तुझे याद करना भी गुनाह समझते

दिल मे 🏠 घर करके बैठे है ये जो ज़िद्दी से
ख़्वाब, कागज पे उतार मै वो सारे मेहमान ले आऊँ।

मुझे ख़बर थी मेरा इन्तजार 🏠 घर में रहा,
ये हादसा था कि मैं उम्र भर सफ़र में रहा।

गृह प्रवेश आपके लिए मंगलकारी हो.
ऐसे ही आप आगे बढ़ते रहो और अपने सपनो को पूरा करते रहो

मकान बहुत आसानी से बन जाते हैं जनाब,
घर बनाना बड़ा मुश्किल है.

सफ़र का पता नहीं चलता साहब,
बस वो रास्ता घर का होना

घर अपना बना लेते हैं, जो दिल में हमारे,
हम से वो परिंदे, उड़ाये नहीं जाते.

पुराना घर हो रहा है दूर
क्या करे यही है कुदरत का दस्तूर
बीती यादें सोचकर उदास ना हो तुम
करो खुशियों के साथ नए घर को मंजूर

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