Dhalti Shaam Shayari | शाम शायरी २ लाइन्स

दोस्तों समय बीतता है और शाम हो जाती है और शाम की खूबसूरती भी बहुत अच्छी होती है इसलिए हमने आपके लिए Dhalti Shaam Shayari लाये हैं।

एक धलती हुई शाम की जानकारी हर किसी को होती है। वह समय होता है जब सूरज ढलने वाला होता है और संतोष भरी आत्मा उस समय में खुशी से भर जाती है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जब आप सुबह से शुरू की गई सारी गतिविधियों के बाद अंततः थक जाते हों और एक आरामदायक और शांत वातावरण में स्वयं को डूबा पाते हों। इस संदर्भ में, हम आपके लिए धलती शाम पर शायरी लाये हैं।

Dhalti Shaam Shayari

Dhalti Shaam Shayari
Dhalti Shaam Shayari

हमने एक शाम चिरागो से सज़ा रखी है,
शर्त लोगो ने हवाओं से लगा रखी है.

शाम शायरी २ लाइन्स

सूरज थोड़ी देर अब और ठहर जा,
अभी आँखें तैयार नहीं है अँधेरा देखने को।

2 line shaam shayari

नजरो से उतर जाते हे शाम तक सुबह की
इतने समजोतो पे जीते हे की
मर जाते हे।

Dhalti Shaam Shayari
Dhalti Shaam Shayari

ढलती शाम Quotes in Hindi

सूरज के ढलने का सुबह से
इंतजार रहता हे
मानो जैसे यह शाम आप को
साथ लाने वाली हो।

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पहले सागर से तो छलके मय-ए-गुलफाम का रंग
सुबह के रंग में ढल जाएगा खुद शाम का रंग

रंगीन शाम शायरी

हुई शाम उनका ख़याल आ गया
वही ज़िंदगी का सवाल आ गया

Dhalti Shaam Shayari
Dhalti Shaam Shayari

तुम धीरे धीरे इतनी दूर चले गए जितनी
दूर सूरज चला जाता है शाम ढलते वक़्त।

मत गर गुरूर ऐ हुस्न पर मलिका, जब सूरज खुद
को ढलने से ना रोक सकता तो फिर तेरी ख़ूबसूरती क्या चीज़ है।

फेसबुक शाम शायरी

ये इंतजार ग़लत है की शाम हो जाए,
जो हो सके तो अभी दौर-ऐ-जाम हो जाए। “नरेश कुमार “शाद”

बनारस की शाम सबसे सुंदर होती है,
जब माँ गंगा की आरती शुरू होती है
तो मन मन्त्र मुग्ध हो जाता है और
हृदय में अध्यात्म जागृत हो जाता है.

Dhalti Shaam Shayari
Dhalti Shaam Shayari

हर ढलता सूरज पैगाम ला रहा है
ज़िन्दगी में मेरी रात होने वाली है।

किरदार मेरा भी शाम ए अवध सा गुलाबी हो जाए,
गर तुम आ जाओ तो इश्क मेरा नवाबी हो जाए.

गांव की शाम शायरी

वो यार है जो ख़ुश्बू की तरह जिसकी ज़ुबा उर्दू की तरह
मेरी शाम-ओ-रात मेरी कायनात वो यार मेरा सैयाँ सैयाँ

कई ख्वाब मुस्कुराये सरे-शाम बेखुदी में
मेरे लब पे आ गया था तेरा नाम बेखुदी में

मेरी आँखों के आगे से सूरज ढला जब,
मेरी आँखों ने तब कई अंधेरे देखे।

Evening Status For Facebook

गुल हुई जाती है अफ़सुर्दा सुलगती हुई शाम
धुल के निकलेगी अभी, चश्म-ए-महताब से रात

एक शाम जाती हे तेरी याद लेकर
एक शाम आती हे तेरी याद लेकर
हमें तो उस शाम का इंतजार हे
जो आये तुम्हे साथ लेकर।

ढलती शाम quotes in english

मुस्कान अधूरी लगती हे एक दर्द
छुपा हो सीने तो
जाने क्यों बिन तेरे मुझको हर
शाम अधूरी लगती हे।

तुम धीरे धीरे इतनी दूर चले गए
जितनी दूर सूरज चला जाता है शाम ढलते वक़्त।

दिल सा मस्कन छोड़ के जाना इतना भी आसान नहीं
सुब्ह को रस्ता भूल गए तो शाम को वापस आओगे

साक़िया एक नज़र जाम से पहले पहले
हम को जाना है कहीं शाम से पहले पहले

ढलती शाम Quotes in Hindi

जिसमें न चमकते हों मोहब्बत के सितारे,
वो शाम अगर है तो मेरी शाम नहीं है।..

आप ही होगा उसे शाम का एहसास क़मर
चढ़ रहा है अभी सुरज इसे ढल जाने दो

किसी उर्से-दरवेश पे,अक़ीदत-मंदों की तरह
हर शाम मुझे तेरी यादें,घेर लेती हैं

भीगी हुई इक शाम की दहलीज़ पे बैठे,
हम दिल के सुलगने का सबब सोच रहे हैं। “शकेब जलाली”

ढलती शाम का खुला एहसास है

जिन्दगी की हर सुबह कुछ शर्ते लेकर आती हैं
और जिन्दगी की हर शाम कुछ तजुर्बे देकर जाती हैं

कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए
तुम्हारे नाम की एक खूबसूरत शाम हो जाए

शाम से आँख में नमीं सी है
आज फिर आप की कमी सी है

रंगीन शाम शायरी

मुझे उस सहर की हो क्या ख़ुशी जो हो जुल्मतों में घिरी हुई
मिरी शाम-ए-ग़म को जो लूट ले मुझ उस शहर की तलाश है

खुशबू से भरी शाम में जुगनू के कलम से
इक नज़्म तेरे वास्ते लिक्खेंगे किसी दिन

काश ये शाम मोहब्बत की रुके ना
काश ये शाम कभी ढले ना
हो जाए आज दिल की सारी चाहते पूरी
और दिल की कोई चाहत बचे ना।

फिजाओं में आज फिर से खूबसूरती दिखने लगी हैं,
शायद शाम-ए-लखनऊ का आग़ाज़ हो गया है.

तेरी याद में बर्बाद नाजाने कितनी शाम की है मैंने,
कुछ यूँ ही अपनी ज़िन्दगी तमाम की है मैंने।

हमने एक शाम चिरागो से सज़ा रखी है,
शर्त लोगो ने हवाओं से लगा रखी है।..

ढलती शाम का खुला एहसास है

हम अपनी शाम को जब नज़र-ए-जाम करते हैं
अदब से हमको सितारे सलाम करते है

दिल कुछ बात कर रहा हे
इस शाम की तन्हाई से इस शाम
की गहराई से
जरा समझो इन फिजाओ की चुभन को
शायद तुम्हे कोई दिल से
याद कर रहा हे।

कभी तो शाम ढले अपने घर गए होते
किसी की आँख में रह कर सँवर गए होते

डूबते सूरज को इस तरह वो रोज
देखता हे
काश में किसी शाम का मंजर होता।

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