बारिश जब आती है दोस्तों तो वातावरण कितनी भी गर्मी क्यों न हो वह वातावरण को शुद्ध और ठंडा कर देती है पेड़ पौधे हरे भरे हो जाते है, इसी बात पे होने आपके लिए Barish Shayari 2 line लाये है
जब बारिश होती है तो उस बारिश में भीग जाने का मज़ा ही
कुछ और है दोस्तों जिसे बयां कर पाना बहुत मुश्किल है।
Barish Shayari 2 line
ख़ुद को इतना भी न बचाया कर,
बारिशें हुआ करे तो भीग जाया कर।
मेरे ख्यालों में वही सपनो में वही,
लेकिन उनकी यादों में हम थे ही नहीं,
हम जागते रहे दुनियां सोती रही,
एक बारिश ही थी जो हमारे साथ रोती रही।…
रास्तो में सफर करने का मज़ा तब आता हे जब
बारिश का सुहाना मौसम हो जाता हे….
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,किस
राह से बचना है किस छत को भिगोना है।..
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वो बारिश की बूंदों को बाहें फैला कर समेट लेता है,
वो जानता है कि हर बूंद उसकी ही तरह तन्हा है।
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे ,
अब याद आते हो तो बारिश होती है
बारिश शायरी २ लाइन
हम भीगते हैं जिस तरह से तेरी यादों में डूबकर,
इस बारिश में कहाँ वो कशिश तेरे ख्यालों जैसी।
बेवजह अब ज़िंदगी में प्यार के बीज ना बोए
कोई, तभी मुहब्बत के पेड़ हमेशा गम की बारिश ही
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।
पीने से कर चुका था मैं तौबा दोस्तों,
बादलों का रंग देख नियत बदल गई।
उनकी यादों की बूँदें बरसी जो फिर से,
जिन्दगी की मिट्टी महकने लगी है।
ये मौसम बारिश का अब पसंद नहीं मुझे
आंसू ही बहुत हैं मेरे भीग जाने के लिए
वक्त बारिश का, और तेरा साथ, ज़िन्दगी
से और क्या माँगु सौगात.
आज बादल काले घने हैं आज चाँद पे लाखों पहरे हैं
कुछ टुकड़े तुम्हारी यादों के बड़ी देर से दिल में ठहरे हैं
2 Lines barish shayari in hindi font
ये इश्क़ का मौसम अजीब है जनाब, इस बारिश में कई रिश्ते धुल जाते है,
बेगानों से करते है मोहब्बत कुछ लोग, और अपनों के ही आंसू भूल जाते है।
उस ने बारिश में भी खिड़की खोल के देखा नहीं
भीगने वालों को कल क्या क्या परेशानी हुई।
कितनी जल्दी ज़िन्दगी गुज़र जाती है प्यास भुझ्ती नहीं बरसात चली जाती है
तेरी याद कुछ इस तरह आती है नींद आती नहीं मगर रात गुज़र जाती है ….
Barish love shayari 2 line
बारिश सुहानी और मोहब्बत पुरानी,
जब भी मिलती है नई सी लगती है।
कितना कुछ धुल गया आज इस बारिश में,
हाँ तुम्हारी यादों के पन्ने भी धुल गए इस बारिश में।
बारिश पर रोमांटिक शायरी
तुम ने बूंदे हथेली में संभाल के उछली तो नहीं,
आज मेरे शहर का मिज़ाज़ कुछ सावन जैसा है
कभी बेपनाह बरस पड़ी
कभी गुम सी हे , ये बारिश भी कुछ – कुछ तुम्हारी जैसी हे।
एक तो ये रात, उफ़ ये बरसात, इक तो साथ नही तेरा, उफ़ ये दर्द बेहिसाब
कितनी अजीब सी है बात, मेरे ही बस में नही मेरे ये हालात।
सुना है बारिश मे दुआ क़ुबूल होती है
अगर इज़ाज़त हो तो मांग लू तुम्हे
Monsoon Shayari in Hindi
भला काग़ज़ की इतनी कश्तियाँ हम क्यों बनाते हैं, न
वो गलियाँ कहीं हैं अब न वो बारिश का पानी है.
हैरत से ताकता है सहरा बारिश के नज़राने को,
कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को।
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से आजकल,
वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।
मासूम मोहब्बत का बस इतना फ़साना है
कागज की हवेली है बारिश का जमाना है
पूछते थे ना कितना प्यार है तुम्हे
हमसे,लो अब गिन लो… बारिश की ये बूँदें।
खुद को इतना भी ना बचाया कर
ए दोस्त ,बारिश हुए तो भीग जाए कर।
न कोई छत्रछाया है,न कोई मोह माया है,बारिश से
ज्यादा तो मुझकोतेरी यादों ने भिगाया है।
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था, इस
तरह बरसात का मौसम कभी आया न था.
कभी जी भर के बरसना, कभी बूँद-बूँद के लिए
तड़पना, अये बारिश तेरी आदतें भी मेरे यार जैसी हैं।
खुशबू पकोड़े की दिल में समायी है, बोहोत
दिनों बाद आज बारिश आयी है.
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते,
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है।
बनके सावन कहीं वो बरसते रहे इक घटा के लिए हम तरसते
रहेआस्तीनों के साये में पाला जिन्हें,साँप बनकर वही रोज डसते रहे!
बारिश में आज भीग जाने दो, बूंदों को आज बरस जाने दो,
न रोको यूँ खुद को आज, भीग जाने दो इस दिल को आज।
चल साथ दोस्त कहीं घूम आते हैं,
रिमझिम सी बारिश में भीग आते हैं.
बता किस कोने में सुखाऊँ तेरी यादें,
बरसात बाहर भी है और भीतर भी है
अगर मेरी चाहतों के मुताबिक जमाने हर बात होती
तो बस मैं होता तुम होती और सारी रात बरसात होती
इस बरसात में हम भीग जायेंगे,दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे,
अगर दिल करे मिलने को तो याद करना बरसात बनकर बरस जायेंगे..
अकेला सा मैं मुसाफिर था, तुम्हारे
शहर पहुंचते ही बरसात भी साथ हो गई.
कितना अधूरा लगता है तब,जब बादल हो पर बारिश ना हो,जब जिंदगी हो पर
प्यार ना हो, जब आँखे हो पर ख्वाब ना हो,और जब कोई अपना हो पर साथ ना हो.
सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
ज्यादा भीगना मत..
अगर धूल गई सारी ग़लतफहमियां,
तो फिर बहुत याद आएंगे हम!!
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने,
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है।
जब भी होगी पहली बारिश तुमको
सामने पाएंगे, वो बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम कैसे देख पाएंगे.
मजबूरियाँ ओढ़ के निकलता हूँ घर से
आजकल,वरना शौक तो आज भी है बारिशो में भीगने का।
अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है,
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाईयों की।
ये मौसम भी क्या रंग लाया है,साथ हवा और घटाएं लाया है,मिट्टी की
खुशबू फैलाये सावन आया है, दिल को ठंडक देने बरसात का महीना आया है।
मेरे शहर का मौसम कितना खुश गंवार हो
गया, लगा जैसे आसमां को जमीन से प्यार हो गया.
एक हम ही हे जो इश्क की बारिश करते हे,
और एक वो हे जो भीगने को तैयार ही नहीं।
बारिश की बूंदो में झलकती हे उसकी तस्वीर
आज फिर भीग बैठे उसे पाने की चाहत में
वो मेरे रु-बा-रु आया भी तो बरसात के मौसम में,
मेरे आँसू बह रहे थे और वो बरसात समझ बैठा।
किस को ख़बर थी साँवले बादल बिन बरसे
उड़ जाते हैं, सावन आया लेकिन अपनी क़िस्मत में बरसात नहीं.
खुद को इतना भी न बचाया कर,
बारिश हुआ करे तो भीग जाया कर
मोहब्बत और बारिश का एक ही रिश्ता है
दोनों उमड़े तो बेसुमार बरसते हैं
इस बारिश के मौसम में अजीब सी कशिश है,
न चाहते हुए भी कोई शिद्दत से याद आता है!
क्या गलती बंजर ज़मीन
की, जब उसे नफ़रत है बारिश से.
छत टपकती है उसके कच्चे घर की,वो
किसान फिर भी बारिश की दुआ करता होगा.
अगर भीगने का इतना ही शौक है, बारिश मे तो देखो ना मेरी आँखों मे,
बारिश तो हर एक के लिए होती है, लेकिन ये आँखें सिर्फ तुम्हारे लिए बरसती है ।
मौसम है लुभावना हो जाता,जब बारिश का आना हो पाता.
मुस्कुराने लगता हर एक इंसान,जैसे बेजान में भी आ जाये प्राण.
गुल तेरा रंग चुरा लाऐ हैं गुलजारो
में, जल रहा हूँ भरी बरसात की बौछारो में.
देखा बिन मौसम बरसात आई है,
बड़ी खुशनुमा शाम साथ लाई है.
पीने से कर चुका था मैं तौबा दोस्तों,
बादलों का रंग देख नियत बदल गई।
कहा पूरी होती है दिल की सारी
हसरते की , बारिश भी हो यार भी हो और पास भी हो.
कभी जी भर के बरसना कभी बूंद बूंद के लिए तरसाना
ए बारिश तेरी आदतें मेरे यार जैसी हैं
एक हम हैं जो इश्क़ की बारिश
करते हैं, एक वो हैं जो भीगने की तैयार ही नहीं
कही फिसल न जाओ जरा संभाल कर चलना
मौसम बारिश का भी हे और मोहब्बत का भी।
बस एक तेरे संग भीगे हम
मुझे उस बारिश की तलाश है
ये ही एक फर्क है तेरे और मेरे शहर की बारिश में
तेरे यहाँ ‘जाम’ लगता है, मेरे यहाँ ‘जाम’ लगते हैं।
हैरत से ताकता है सहरा बारिश के नज़राने को,
कितनी दूर से आई है ये रेत से हाथ मिलाने को।
रहने दो कि अब तुम भी मुझे पढ़ न सकोगे,
बरसात में काग़ज़ की तरह भीग गया हूँ मैं।
सावन का मौसम जब भी धरती से मिलने आता है तब तब अपनी तड़प का दास्ताँ
बरस कर सुनाता है क्यों होती है अक्सर जुदाई उनसे जिसको दिल चाहे क्यों।
बारिश हुई और भीग गये हम,
रजनीकांत ने फूँक मारी सूख गये हम.
दिल में अनजाना सा एहसास, जैसे बारिश चुपके से कुछ कह रही है,
न जाने कौन सी कशिश है इस बारिश में, जो साथ में यादें भी ले आई है।
पहले बारिश होती थी तो याद आते थे ,
अब याद आते हो तो बारिश होती है
कहीं फिसल न जाऊं तेरे ख्यालों में चलते चलते
अपनी यादों को रोको मेरे शहर में बारिश हो रही है!!
गुनगुनाती हुई आती है फ़लक से
बूँदे, कोई बदली तेरे पाजेब से टकराई है.
बारिश पर रोमांटिक शायरी बारिश से मोहब्बत मुझे कुछ इस
क़दर है, वो बरश्ता उधर है, और मेरा दिल धड़कता इधर है।
ए बादल क्या किसी ने तेरा भी दिल दुखाया है, वरना
इतनी शिद्दत से बरसता ही कौन है.
काश कोई इस तरह भी वाकिफ हो मेरी जिंदगी से,
कि मैं बारिश में भी रोऊँ और वो मेरे आँसू पढ़ ले।
बारिश पर रोमांटिक शायरी
बारिश पर रोमांटिक शायरी
बनके सावन वो कही बरसते रहे इक घटा के लिए हम तरसते रहे
आस्तीनों के छाए में पाला जिनको साँप बनके वही रोज डसते रहे।
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